मेरा संघर्ष - एडोल्फ हिटलर
Mein Kampf (Hindi Translation)
अडोल्फ हिटलर को विश्व मानवता का शत्रु समझने वाले लोगों के लिए ‘माइन काम्फ’ हिटलर की
आत्मकथा ‘मेरा संघर्ष’ एक ऐसी ख्याति प्राप्त ऐतिहासिक ग्रन्थ है, जिसके अध्ययन से न केवल जर्मनी की पीड़ा, बल्कि हिटलर की पीड़ित मानसिकता में उसकी राष्ट्रवादी मनोवृत्ती का भी अनुभव होगा। साथ ही राजनीतिज्ञों के चरित्र, राजनीति के स्वरूप, भाग्य-प्रकृति, शिक्षा सदनों का महत्त्व, मानवीय मूल्यों तथा राष्ट्रवादी भावना की महानता के आधार की भी प्रेरणा मिलेगी।
सर्वविदित है कि कोई भी इंसान बुरा नहीं होता, बुराई इंसान की सोच के आधार पर ही विकसित होती है। विश्व मानवता के शत्रु कहे जाने वाले हिटलर में यदि अवगुण थे, तो ध्यान रहे, यह उसकी विश्व-विजेता बनने की महत्त्वाकांक्षा थी। साथ ही उसकी राष्ट्रवादी मनोवृत्ति को भी हमें नहीं भूलना चाहिए। इसी राष्ट्रवादी धारा के प्रवाह में किस प्रकार उसकी आकांक्षा-महत्त्वकांक्षा में परिवर्तित हुई, यह तथ्य प्रस्तुत ‘माइन काम्फ’ हिटलर की आत्मकथा ‘मेरा संघर्ष’ के रूप में आपके समक्ष सरल हिन्दी अनुवाद करके दर्शाया गया है, जिसके पठ्न-पाठ्न से आप स्वयं ही आंकलन कर सकते हैं।
मैंने आन्दोलन के माध्यम से विरोधी भाव अपनाते हुए जर्मन राष्ट्र द्वारा काला, सफेद, लाल रंगों वाला पुराना झण्डा त्याग दिया था। राजनीतिज्ञों तथा मेरे नजरिये में जमीन-आसमान जैसा फर्क था। मैं ईश्वर का आभार व्यक्त करता हूँ कि उसने हमारे केन्द्र में सफेद चक्र तथा काले स्वास्तिक के चिन्ह वाला युद्धकालीन झण्डे का सम्मान सदैव सुरक्षित रखा। वर्तमान काल के राइख जिसने खुद को तथा अपने लोगों को बेच दिया, उसे हमारे काले, सफेद तथा लाल रंगों वाले आदरणीय तथा साहस के प्रतीक झण्डे को कभी अपनाने की स्वीकृति नहीं मिलनी चाहिए।
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