मेन आर फ्रॉम मार्स एन्ड वुमन आर फ्रॉम विनस - जॉन ग्रे
Men Are From Mars Women From Venus (Hindi Translation) by John Gray
वह सब कुछ जो पुरुष महिलाओं के बारे में जानना चाहते हैं और महिलायें पुरुषों के बारे में...
इस विश्वविख्यात पुस्तक में बताया गया है कि पुरुषों और महिलाओं की विचारधारा अलग-अलग होती है, जिस वजह से उनमें सही तालमेल नहीं हो पाता। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इसे पढ़ना अनिवार्य है, ताकि घर में संघर्ष के बजाय प्रेम का माहौल बने।
इस पुस्तक में दिये गये सभी सिद्घांत आजमाये हुये हैं। 25000 लोगों में से 90 प्रतिशत लोगों को इस पुस्तक में अपनी झलक दिखी। अगर आप इस पुस्तक को पढ़ते समय सिर हिला रहे हों और कह रहे हों, ‘‘हाँ, आप मेरे बारे में ही बात कर रहे हैं,’’ तो आप अकेले नहीं हैं। इस पुस्तक से हजारों लोगों को लाभ पहुँचा है, और आपको भी पहुँच सकता है।
बहुत सारे लोग अपने वैवाहिक जीवन में संघर्ष करते रहते हैं। उनके जीवन में इतना तनाव, द्वेष और झगड़ा सिर्फ़ इसलिये होता है। क्योंकि वे एक-दूसरे को नहीं समझ पाते। हालाँकि वे अपने पार्टनर से प्रेम करते हैं, परंतु जब तनाव होता है तो वे नहीं जानते कि ऐसे समय माहौल को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। जब आप यह जान लेंगे कि महिलायें किस तरह सोचती हैं, व्यवहार करती हैं, किस तरह प्रतिक्रिया करती हैं तो आप उनसे बेहतर रिश्ता बना सकेंगे।
पुरुष और महिलायें न सिर्फ़ अलग-अलग तरीक़ों से बोलते हैं बल्कि वे अलग-अलग तरीक़ो से सोचते, महसूस करते, देखते, प्रतिक्रिया करते, प्रेम करते, तारीफ़ करते हैं। ऐसा लगता है जैसे वे अलग-अलग ग्रहों से आये हैं, उनकी भाषायें अलग हैं और उन्हें अलग-अलग चीज़ों की ज़रूरत होती है।
भिन्नताओं को समझ लेने के बाद हमारे लिये अपोज़िट सेक्स को समझना आसान हो जाता है। हमारी ग़लतफ़हमियाँ दूर हो जाती हैं। हम सामने वाले से जो अपेक्षायें रखते हैं, उनमें भी सुधार हो जाता है जब आप यह जान लेते हैं कि सामने वाला आपसे उतना ही अलग है जितना कि कोई दूसरे ग्रह का प्राणी, तो आप उसे बदलने की कोशिश नहीं करते, बल्कि निश्चिंत होकर उसके साथ सहयोग करते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पुस्तक में आपको हर जगह वैवाहिक समस्याओं को सुलझाने के प्रैक्टिकल तरीके मिलेंगे। विवाह में समस्यायें तो रहेंगी, क्योंकि पुरुष मंगल ग्रह से आये हैं और महिलायें शुक्र ग्रह से आयी हैं। परंतु अगर आप अपने बीच के अंतर को समझ लें तो आपकी आधी समस्यायें तो अपने आप ही दूर हो जायेंगी।
इस पुस्तक के बारे में इकलौती आलोचना यही हुई, ‘‘काश आपने हमें यह पहले बताया होता !’’
इस पुस्तक को लिखने का मेरा लक्ष्य यही है कि आपका विवाह सुखमय हो, शांतिपूर्ण हो। यह ज़रूरी है कि सुखी विवाहों की संख्या बढ़े और तलाक़ों की संख्या घटे–क्योंकि हमारे बच्चे बेहतर दुनिया में जीने योग्य हैं।
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