सेवासदन
सेवासदन हिन्दी साहित्य की एक अमूल्य धरोहर है। लेखन के लगभग सौ साल बाद भी यह उतना ही प्रासंगिक और समकालीन है जितना तब था। सेवासदन में नारी प्रधानता के साथ-साथ सामाजिक स्थितियां भी कथानक में इस तरह पिरोई गई हैं कि तत्कालीन समाज की सभी अच्छाइयों-बुराइयों का जीवन्त चित्रण सामने आ जाता हैं।
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