WAH ZINDAGI, WAH ! By Sunil Handa (Sunder Jeevan ke 333 Prasang)
बच्चे-बड़े, विद्यार्थी-शिक्षक, स्त्री-पुरुष—सभी को कहानियाँ पसंद होती हैं। हर कहानी में पढ़नेवाला अपने आपको ढूँढ़ता है, खोजता है कि कहानी का कोई पात्र या घटना उसके जीवन से जुड़ी तो नहीं।
प्रस्तुत पुस्तक ‘वाह जिंदगी, वाह!’ ऐसी ही 333 कहानियों का संकलन है, जो आपके जीवन से जुड़ी हैं।
यह सीखों, नीतिकथाओं, सत्यों और बुद्धिमत्ता की पुस्तक है। यह पुस्तक कॉलेज के विद्यार्थियों, माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी और उस किसी भी व्यक्ति द्वारा अवश्य पढ़ी जानी चाहिए, जो जिंदगी की धूप-छाँव और लुका-छिपी के खेल से निराश हो जाता है; उसके मन में एक आशावाद जगाकर उसके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन करने की क्षमता रखती है यह पुस्तक।
जीवन के सुख-दुःख, लाभ-हानि, उन्नति-अवनति और हर रंग की छटा लिये इन प्रेरणाप्रद-रोचक कहानियों को पढ़कर आप बरबस ही कह उठेंगे—‘वाह जिंदगी, वाह!’
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