Vitt Vichar (Hindi) By Mrudula Trivedi
वित विचार
वित विचार की सम्यक् ससिद्धि की समृद्धि है जिसकी वृद्धि का सुरभित सेतु समय की सत्ता और सौभाग्य के समीकरण का सशक्त सिद्धांत है। सौभाग्य की सबलता सम्पनता की प्रबलता सम्पदा की सहजता,सन्मान की गहनता ,सम्पति की विशालता तथा वृति के वृत के विस्तार के विभिन्न विधान की समृद्धि ही वित विचार शीर्षाकित ऐसे कृति में प्रहावित होने वाला मधुर पंचामृत है।
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