Vitt Vruddhi (Hindi) By Mrudula Trivedi
वित्त वृध्धि
मृदुला त्रिवेदी /टी. पि. त्रिवेदी
वित्तार्जन एवं वित्त संचय पर केन्द्रित 'वित्त वृध्धि ' नामक इस कृति में वित्तोदगम सम्बन्धी अन्याय, अनुभव सिद्ध अनुष्ठान, मंत्र विधान तथा अनुभूत अनुसंधान आविशिष्ठ है. जिनके सतर्क चयन, सविधि संपादन, श्रद्धा एवं समर्पणयुक्त प्रतिपादन द्वारा महालक्ष्मी की अपार कृपा असंदिग्ध है. महालक्ष्मी के पदपंकज का प्रांजल पंचामृत सम्बंधित यंत्रो तथा अनुभूत मंत्रो द्वारा सविधि निषेचन करने का परिश्रम-साध्य प्रयास 'वित्त वृध्धि ' की सारगर्भिता का प्रमाण है.
ज्योतिष एवं मंत्रशास्त्र के गहन एवं दुर्लभ रहस्य के सम्यक़ संज्ञान हेतु 'वित्त वृध्धि ' एक अमूल्य निधि है, जो पाठको के लिए अनुकरणीय, सराहनीय और संग्रहणीय है.
'वित्त वृध्धि ' को विषय की विविधता तथा विशिष्टता के आधार पर बारह विभिन्न अध्यायों में विभाजित किया गया है.
1- वितार्जन एव समृद्धि हेतु कतिपय ज्ञातव्य तथ्य
2 - गणपति साधनाए
3 - कमलात्मिक तत्त्व एव साधनाए
4 - लक्ष्मी के प्रश्ननार्थ एकाक्षर मंत्र से लेकर सहस्त्रनाम स्तोत्र
5 - विपुल वितार्जन हेतु विशिष्ठ साधनाए
6 -विस्तृत वितागमन हेतु कतिपय लघु साधनाए
7 - यन्त्र शक्ति द्वारा वित वृद्धि
8 - धनाधिपति कुबेर साधना
9 - माता दुर्गा एव पदमावती देवी की आराधना द्वारा धन प्रापति
10 -वित वृद्धि एव व्यापर समृद्धि
11 - दीपावली पूजन प्राविधि
12 - वित्तार्जन हेतु सुगम सांकेतिक साधनाएं
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